एसआईपी के जरिए आप निवेश भी उसी तरीके से कर सकते हैं, जिस तरीके से कोई बड़ा कर्ज किस्तों में चुकाते हैं। तो बेहतर है कि कार और मकान जैसे बड़े सपने पूरे करने के लिए लोन की जगह एसआईपी की किस्तें भरें।
निवेश करने वाले एक बड़े तबके को लगता है कि फिलहाल इक्विटी बाजार में निवेश करना ठीक नहीं है। ऐसा करने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है क्योंकि बाजार भारी उतार – चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है। संभवतः यही कारण है कि निवेशक इक्विटी में पैसा लगाने के लिए बाजार में उपलब्ध सभी विकल्पों पर गौर नहीं कर रहे हैं।
कई लोगों को लगता है कि इक्विटी में निवेश जोखिम से जुड़ा हुआ मामला है। एक हद तक यह सही भी है, लेकिन यह सच है कि म्यूचुअल फंड के जरिए इक्विटी निवेश करने से जोखिम कम हो जाता है। वजह यह है कि ऐसे फंडों का प्रबंधन काफी पेशेवर लोग करते हैं, जो बाजार के बारे में गहन रिसर्च के जरिए जोखिम कम करने की क्षमता रखते हैं।
शेयर बाजार में सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि निवेशक किस हद तक जोखिम उठा सकता है। मसलन, यदि बाजार गिर रहा हो तो कितने समय तक निवेश बनाएं रखने में सक्षम रहते हैं। शेयर बाजार में भारी उतार – चढ़ाव का माहौल हो तो आम निवेशक के दिल की धड़कनें तेज हो सकती है। ऐसे में गलत फैसलों की आशंका रहती है और जो निवेशक ऐसे दौर में भी खुद को संभाले रखता है, उसे सफलता जरूर मिलती है क्योंकि शेयर बाजार ने लंबी अवधि में हमेशा शानदार रिटर्न दिया है। मसला बस इतना है कि गिरावट के दौर में भी अपना निवेश बनाएं रखा जाए।
गिरावट का उठाएं फायदा
बाजार में हालिया गिरावट के कारण ढेरों मिडकैप ( मझोले आकार की कंपनियां ) के शेयर इन दिनों बड़े डिस्काउंट पर उपलब्ध है। ऐसे में निवेशक चाहें तो मिडकैप फंड के जरिए एसआईपी शुरू कर सकते हैं। यह फंड पिछले 14 वर्षों से निवेशकों को जोरदार मुनाफा दिला रहा है।
उतार – चढ़ाव को मात देने का मंत्र
लगातार निवेश करते रहना सबसे अच्छा तरीका है। फिर, बाजार में चाहें तेजी बनी हुई हो या फिर भारी गिरावट का रुझान हो। असल में बाजार जब नीचे रहता है तो आपको निवेश का औसत मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलती है और जब भी बाजार ऊपर जाता है तो पोर्टफोलियो में आई बढ़त से आपको फायदा होता है। अब सवाल उठता है सही शेयर और सेक्टर के चयन का। यह थोड़ा जटिल मामला है और जिन निवेशकों को इसकी समझ नहीं है, उन्हें म्यूचुअल फंडों में निवेश के फैसले कुशल और पेशेवर फंड प्रबंधक करते हैं। जिनकी मदद के लिए रिसर्च टीम होती है। यही वजह है कि पिछले पांच साल और यहां तक कि दस वर्षों के दौरान किसी भी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वाले निवेशक को नुकसान नहीं हुआ है। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि आप अपने जोखिम प्रोफाइल के हिसाब से किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम का चयन कर सकते हैं और बाकी का काम फंड प्रबंधकों पर छोड़ दें।