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भारत में Ponzi Scheme के मामले
भारत में पिछले 10 सालो में पोंजी स्कीम के 10 हजार 687 मामले सामने आये ताज्जुब की बात ये कि ये मामले कापी तेजी से बड़ रहे है साल 2014 में CBI 11 पोंजी स्कीम को इन्वेस्टिगेशन कर रही थी अगले 4 साल में ही ये नंबर 909% बड़कर 111 हो गये जनरली लोग ये सोचते है कि हम भारतीय रिश्क बहुत कम लेते है कुछ हद तक ये बात सही भी है क्योकि भारत में सिर्फ 4% लोग ही स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते है
अब ये कैसे पोसिवल है जिस देश में रिश्क से डरकर लोग कभी भी सेविंग अकाउंट FD और गोल्ड से बाहर नही जाते है वो लोग आखिरकार पोंजी स्कीम में कैसे फंसते है?
लोग Ponzi Scheme में कैसे फंसते है?
साल 1979 की बात है दिलीप नाम के एक व्यक्ति को एक व्यक्ति आकर कहता है आप अपने पैसे हमारी स्कीम संजयिता में इन्वेस्ट कीजिये बदले में हम आपको 48% का रिटर्न देंगे शुरुआत में दिल्लेप उस व्यक्ति पर भरोसा करने से मना कर देते है और पैसा इन्वेस्ट नही करते है जिसपर वो व्यक्ति कहता है आप 100 रूपये से शुरुआत करके देखिये अगर आपको अच्छे रिटर्न मिलते है तो ही और पैसा इन्वेस्ट कीजिये दिलीप संजयिता में 100 रुपये से इन्वेस्ट शुरू करते है
कुछ ही महीनों में वेहतरीन रिटर्न मिलने के बाद 3 रुपये और उस स्कीम में इन्वेस्ट कर देते है जो की उस टाइम एक बहुत बड़ी अमाउंट थी अगले 1 साल में दिलीप को कापी रेगुरल रिटर्न मिलने लगे जिससे वो कापी खुश भी होते है
इसी बीच वो व्यक्ति फिर से उनके पास आता है और उन्हें कहता है की अगर आप अपने फ्रेंड और रिश्तेदारों को ये स्कीम बताते है तो आपके रिटर्न बढ़ाकर 48% से 60% किये जायेंगे जिसके चलते दिलीप ये स्कीम सभी को बताने लगते है आखिर वो 3 लोंगो को संजयिता में इन्वेस्ट करने के लिए मना लेते है
सब कुछ बहुत सही चल रहा होता है फ्रेंड और रिश्तेदार रिटर्न से भी कापी कुश होते थे साल 1982 से उन्हें रिटर्न मिलना बंद हो जाता है जब दिलीप इस बात की जाँच करते है तब उन्हें पता चलता है कि वो एक स्कीम में फंस गये है और उस स्कीम का नाम है पोंज़ी स्कीम
पोंज़ी स्कीम सुनने में नाम कापी अजीब लग रहा होगा लेकिन इस नाम के पीछे भी एक इतिहास छुपा है इतिहास के इन पन्नो को समझने के लिए हमे करीब 100 साल पीछे जाना होगा
Ponzi Scheme की शुरुआत कैसे हुई?
साल 1919 में चार्ल्स पोंजी ने एक Postal Scheme शुरू हुई जहाँ पर वो लोगो से ये वादा करने लगा में आपको 45 दिन में 50% रिटर्न दूंगा और 90 दिन में 100% रिटर्न दूंगा US postal सर्विस जिस पर ये पूरी स्कीम आधारित थी वो एक बहुत ही काम्प्लेक्स चीज थी जिसके बारे में आम जनता को ज्यादा नही पता था लेकिन जेसे ही चार्ल्स पोंजी अपने इन्वेस्टर्स को रेगुलर रिटर्न देने लगा वेसे ही ज्यादा से ज्यादा लोग इस स्कीम की तरफ आकर्षित होने लगे
The boston post इस न्यूज़ पेपर को ये सारी चीज बहुत फिसी लगी जिसके चलते उन्होंने इस पूरी चीज का इन्वेस्टिकेशन शुरू किया और फिर उन्हें पता चला की ये एक बहुत बड़ा स्कैम है जिसमे लोगो के करीब 250 करोड़ रूपये फस गये थे
आगे चलके दुनिया भर में जितनी भी इस तरह की स्कीम आई उन सभी को पोंजी स्कीम कहलाया गया और चार्ल्स पोंजी को फादर ऑफ़ पोंजी स्कीम
सारी पोंजी स्कीम में एक चीज हमेशा कॉमन होती है वो हमेशा कुछ नया लेकर आते है एक इनोवेटिव आइडिया
ऐसी ही एक स्कीम पश्चमी महाराष्ट में आई ये स्कीम बाकि पोंजी स्कीम से बहुत अलग थी उनकी स्कीम का जो मुख्य केरेक्टर था वो एक मुर्गा था दुनिया भर में काले मुर्गे की 25 अलग अलग प्रजातीया है और इनमे से ही एक है कड़कनाथ मुर्गा इस मुर्गे की ये खासियत होती है इसमें वसा 2% से भी कम होता है और प्रोटीन बहुत ज्यादा होते है और इसीलिए इस मुर्गे की जो प्राइस है वो नॉर्मल मुर्गे से ज्यादा होती है
Maharayat एग्रो लिमिटेड इस कम्पनी ने एक स्कीम शुरू की स्कीम कुछ इस तरह थी यहाँ पर कम्पनी ने किसानो को कहाँ कि आप हमसे कडकनाथ के मुर्गे खरीदे उन्हें आप बड़ा कीजिये और उसके बाद उन मुर्गो को और उनके अन्डो को हम फिर से आप से खरीद लेंगे और इस स्कीम में कई नोजवानों को सलाना 300% के रिटर्न का वादा किया गया
शुरुआत में पहले कुछ लोगों को अच्छे रिटर्न दिये ताकि लोग तेजी से इस स्कीम में इन्वेस्ट करने लगे कुछ लोगो ने अपनी खेती बेचीं तो कुछ लोगो ने अपना सब कुछ बेच दिया सारा पैसा स्कीम में इन्वेस्ट किया लेकिन बाद में जो हुआ उसके बारे में किसी ने कभी सोचा भी नही था
वही उत्तर भारत में कुछ लोग एक बहुत ही इनोवेटिव आइडिया लेकर आये जिसका नाम था paipod यहा पर लोगों से कहा गया की आप 3 लाख रूपये कम्पनी में इन्वेस्ट कीजिए जिससे कम्पनी कुछ मोटर साईकिल खरीदेगी फिर उन टूव्हीलर को कम्पनी किराये पर देगी जिसका किराया आपको हर महीने मिलेगा साथ ही कम्पनी आपको हर महीने बोनस भी देगी जिससे आपकी 3 लाख की इन्वेस्टमेंट 1 साल में 7 लाख की होगी इस स्कीम का अंत भी बिल्कुल वैसा ही हुआ जैसा बाकि स्कीम का हुआ यहाँ पर ढाई लाख इन्वेस्टर्स ने कुल मिलाकर 3 हजार करोड़ रूपये गवा दिये
पोंजी स्कीम के दो इम्पोर्टेन्ट केरेक्टर्स होते है पहला है हाई रिटर्न यहाँ पर आपको बैंक से ज्यादा रिटर्न प्रोमिस किये जाते है और दूसरा है रेफरल इनकम यहाँ पर आपको किसी और को रेफर करने के बदले में कुछ कमिशन मिलता है पोंजी स्कीम चलाने वाले लोग हमेशा एक साइकोलोजी फैक्ट का फायदा उठाते है वो सोचते है की अगर हम खुद हमारी स्कीम को प्रोमोट करेंगे तो लोग हमारी नही सुनेगें वही हम लोगो से उनके फ्रेंड फेमिली और रिश्तेदारों के जरिये जाते है तो हम बहुत जल्द इस स्कीम को बड़े फायदान पर ले जा सकते है और इसीलिए वो अपनी हर एक पोंजी स्कीम में रेफरल स्कीम जरुर लाते है
भारत में Ponzi Scheme बढने का मुख्य कारण
इंडिया में पोंजी स्कीम बढ़ने का मुख्य कारण है low financial literacy – S&P की एक रिपोर्ट के अनुसार इंडिया के 70% लोग फाइनेशियल लिटरेसी नही है इंडिया में पोंजी स्कीम बढ़ने का एक मुख्य कारण ये भी है कि कई सारे पोंजी स्कीम करने वाले लोग आज बेल पर बाहर खुलेआम घूम रहे है कई सारे लोग तो ऐसे है जिनपर किसी भी तरह का कोई एक्शन नही हुआ है और इस बजह से इस चीज को कापी बढ़ावा मिला है
वही अगर हम यूएस की बात करे जहाँ पर बर्नी मेडोप का एक बहुत बड़ा स्कैम हुआ था तो वहां पर सिर्फ बर्नी मेडोप ही नही उनके रिश्तेदार और जो जो लोग इसमें शामिल है उन सभी पर एक्शन लिए गये थे उनकी वाईफ को जब भी 100$ से ऊपर का ट्रांजेक्शन करना पड़ता था तो उसके लिए भी उन्हें परमिशन लेनी पडती थी और वहां पर इन्वेस्टर्स का लगभग सारा पैसा रिकवर भी किया गया वही इंडिया में जिन लोगो का पैसा इन पोंजी स्कीम में फंसता है उन्हें हार्डली अपना कुछ पैसा रिटर्न मिलता है
नेक्स्ट टाइम जब ऐसी कोई स्कीम आपके सामने आयेगी तो हमेशा याद रखना उसकी स्कीम इन सारी स्कीम से अलग रहेगी और इनोवेटिव रहेगी